बुधवार, मई 20, 2009

आखिरी बार

अमरीकी लेखिका और कवि जोयस केरोल ओटस् (Joyce Carol Oates) की एक कविता की कुछ पंक्तियाँ पढ़ी और उनके बारे में देर तक सोचता रहाः

आखिरी बार किसी व्यक्ति को देखो, पर तुम्हें मालूम न हो कि वह आखिरी बार है.
बस यही सब कुछ मालूम है अब, अगर उस समय यह जानते तो ....
पर उस समय नहीं जानते थे, और अब तो बहुत देर हो गयी.

2 टिप्‍पणियां:

  1. और गुजरे समय को लौटाया नहीं जा सकता. आँखे बन्द कर फिर से उन पलों को जिन्दा करने की कोशिश करता हूँ.

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"जो न कह सके" पर आने के लिए एवं आप की टिप्पणी के लिए धन्यवाद.

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